असमय झड़ने लगे हैं
होठों से हंसी के फूल
पृथ्वी के नीले रंग को
निगल रही है कोई धूसर उदासी
पसर रही है अजगर - सी
आमेजन के जंगलों से सवाना की घास पर
बह रही है वही मिसिसिपी में भी
पहुँच रही है वोल्गा से गंगा तक
ह्वांगहो का पानी भी उदास है
मुस्कुरा रहा है वह
किनारे खड़ा एक मुनाफा -पुरुष
वह नहीं मानता -
पृथ्वीवासी के उदास या लहूलुहान पैरों से
उदास हो जाती हैं नदियाँ
या हंसी के फूल असमय झड़ने लगते हैं
मुस्कुराहट बता रही है -
सब कुछ ठीक वैसा ही चल रहा है
जैसा वह चाहता था
दुनिया रोज बन रही है
मुस्कुराहट का कब्रिस्तान
और अकेले उसकी मुस्कुराहट
मोटी हो रही है रोज थोड़ी -थोड़ी
मोटी हो रही है रोज थोड़ी -थोड़ी
मृदा - विज्ञानियों ने दावा किया है
कि इस कब्रिस्तान की मिट्टी
सबसे उपयुक्त और सस्ती हो सकती है
मनी प्लांट उगाने के लिए
मौसम - वैज्ञानिकों का अनुमान है-
मुनाफे की पुष्प-वृष्टि के लिए
सबसे उपयुक्त मौसम है यह
उसके विषाणु - विज्ञानियों ने देख लिया है
विषाणु के नागरिकता - काॅलम में
देश या राष्ट्र का रिक्त या भरा
कोई बाॅक्स ही नहीं होता
तो मनी प्लांट
कितना भी लहलहाए - लतराए
कभी कम नहीं पड़ेगा
कब्रिस्तान बढ़ता ही जाएगा निरंकुश
झड़ते ही रहेंगे असमय हंसी के फूल
मनुष्यता का सुकाल हो या दुष्काल
वह नहीं मानता
कि मुनाफे का ड्रीम बजट पूरे कर सकते हैं
सिर्फ बारिश या वसंत के दिन ही
उसे तो दिखते हैं
अवसर के हरे - हरे पत्ते
पतझड़ में उदास खड़े ठूंठ पर भी
उसके देश का कारोबारी मुनाफा
किसी काल या मौसम का फलन है
वह ऐसा नहीं मानता
उसका तो मानना है
कि दुनिया के काल या मौसम को
विनियमित करती आई है हमेशा
कारोबारी चमड़ी ही
गोली या बम तो चमड़ी का कवच मात्र है
सेना तो बस एक आक्रामक पात्र है
इस कारोबार में
इस कारोबार में
उसकी संवेदना ऐसी है
कि जापान में कोई बच्ची जब
अपने खिलौने के टूट जाने पर रोती है
रोने की आवाज टकराती है
जहाँ दुनिया के तमाम समुद्री तटों से
वहीं उसके कानों तक पहुँचती है
सिर्फ खिलौने के टूटने की आवाज़
लेकिन वही बच्ची
खिलौने देख जब हँसती है एकाएक
उसकी हँसी की खिलखिलाहट देखने सूरज
सिर्फ जापान में ही नहीं उगता
रूस में उदास बच्चों के गालों पर भी उगता है
तब उसे यकीन नहीं होता
कि दुनिया वाकई इतनी छोटी हो गई है
या मुस्कुराहट किसी एक चेहरे की
एकाकी घटना नहीं है
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