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ग़ज़ल / आसमानी तख्त से

ग़ज़ल / 

आसमानी तख्त से नीचे उतरकर देखिए। 
खूबसूरत है जमीं भी, चल- ठहरकर देखिए। 

तब दिमागी शोर का एहसास भी हो जाएगा।   
दिल के सन्नाटे से तो पहले गुज़रकर देखिए। 

और भी है बहुत कुछ रफ्तार के बाहर यहाँ, 
इक दफा रफ्तार से पूरा उबरकर देखिए। 

आप भी महसूस कर लेंगे जमाने का दबाव
वक्त के सीने पे थोड़ा सा उभरकर देखिए।

रोज औरों को सुधरने की नसीहत दे रहे
कारगर होगी नसीहत, खुद सुधरकर देखिए। 

देखते हैं आप उनके हाथ ही पत्थर वो क्यों 
आपके हाथों में भी तो है वो पत्थर देखिए।

                   

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