अवधू खोजै लैंबरगीनी
अवधू, खोजै लैंबरगीनी
मारुति होंडा हुंडै टाटा ये सब ब्रैंड जमीनी ।
हम तो वेतनभोगी अवधू, इनकम अपनी झीनी।
उस पर मंहगाई जीएसटी इनकम टैक्स कमीनी।
धन्य रोग मधुमेह चाय में पीनी कम - कम चीनी।
करत - करत अब कतर - ब्योंत ही बाकी जिनगी जीनी।
घर यह टू बीएचके अवधू, बैंक लोन पर लीनी।
दम निकले जब भरत किस्त तब नींबू- पानी पीनी।
ऊपर से स्कूल- फीस की मीठी मार महीनी।
माॅल रेस्तराँ ब्यूटी पार्लर हैप्पी मील हसीनी।
आप करत हैं काज कौन जो इनकम इतनी कीनी,
कैसे इतना शून्य हे अवधू ! प्रोफिट पर रख लीनी।
बिन पूँजी, बिन मेहनत का वह मारग कौन जहीनी।
दूरदास जब चलकर देखै, खोजै लैंबरगीनी ।
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